गुना-शिवपुरी-अशोकनगर सीट से वर्ष 1957 से 2019 तक 16 बार हुए चुनाव, 13 बार सिंधिया राजघराने का रहा कब्जा, पहली बार सांसद चुने गये है केपी यादव
शिवपुरी । गुना-शिवपुरी-अशोकनगर सीट पर लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को तो कांग्रेस ने राव यादवेंद्र सिंह यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है। इस सीट के इतिहास को देखें तो अब तक सिर्फ एक बार ही स्थानीय व्यक्ति सांसद के रूप में चुनकर आया है। बाकी जितने प्रतिनिधि चुनकर आए वे खुद किसी अन्य लोकसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं। वही इस सीट पर सबसे ज्यादा चुनाव सिंधिया राजघराने ने जीते है इस सीट पर 16 बार के चुनावो में 13 बार सिंधिया परिवार ने कब्जा किया है। इस बार के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने जातिया समीकरण के आधार पर अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा है क्योंकि इस क्षेत्र में यादव समाज के अधिक वोटर है।गुना-शिवपुरी और अशोकनगर तीन जिले की इस सीट पर वर्ष 1957 से लेकर 2019 तक डॉ केपी यादव एक मात्र ऐसे सांसद बने जो स्थानीय व्यक्ति हैं। वहीं, इस सीट पर ज्यादातर सिंधिया राजघराने या उनके समर्थकों का कब्जा रहा है। हालांकि गुना-शिवपुरी और अशोकनगर तीनों जिलों के कई नेताओं ने इस सीट को हासिल करने की बहुत कोशिश की लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। शिवपुरी सिंधिया राजवंश का बसाया नगर है। इसलिए सिंधिया परिवार को अब भी क्षेत्र स्तर से ही जुड़ा माना जाता है। इसी वजह से अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा चुनाव सिंधिया राजवंश के परिवार के सदस्यों ने जीता है।16 में से 13 बार
सीट पर सिंधिया परिवार का रहा कब्जा
इस सीट पर साल 2019 के साथ
अब तक कुल 16 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। 13 चुनावों
में सिंधिया परिवार के सदस्य काबिज रहे हैं। साल 1957 में
पहली वार विजया राजे सिंधिया चुनाव जीती थीं। सिर्फ 1962 व 1984 का आम
चुनाव छोड़ दें तो सीट पर अधिकतर विजया राजे सिंधिया और उनके बेटे माधवराव सिंधिया
सांसद चुने जाते रहे। दादी विजयाराजे के बाद उनके पिता का निधन हुआ और गुना सीट से
2002 के उप
चुनाव में पहली बार ज्योतिरादित्य सिंधिया सांसद चुने गए। इसके बाद लगातार साल 2004, 2009 और 2014 का चुनाव जीतते आ रहे थे। लेकिन 2019 में
अशोकनगर जिले के रहने वाले डॉ केपी यादव ने भाजपा से चुनाव जीतकर इस चक्र तो तोड़
दिया था।
16 लोकसभा के बाद 2 बार उप चुनाव हुए
72 साल में 16 बार चुनाव हुए लेकिन गुना-शिवपुरी-अशोकनगर जिले से कोई भी नेता सांसद नहीं बन सका। बता दें कि 2019 के चुनाव में अशोकनगर जिले के निवासी डॉ केपी यादव ने जीत हासिल कर इस चक्र को तोडते हुऐ सफलता हासिल की थी। जबकि अब तक कई क्षेत्रीय नेता सांसद बनने का सपना देख चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। उन नेताओं में मुख्य रूप से केपी सिंह, राव देशराज सिंह, हरिवल्लभ शुक्ला नाम शामिल हैं।
16 लोकसभा के बाद 2 बार उप चुनाव हुए
72 साल में 16 बार चुनाव हुए लेकिन गुना-शिवपुरी-अशोकनगर जिले से कोई भी नेता सांसद नहीं बन सका। बता दें कि 2019 के चुनाव में अशोकनगर जिले के निवासी डॉ केपी यादव ने जीत हासिल कर इस चक्र को तोडते हुऐ सफलता हासिल की थी। जबकि अब तक कई क्षेत्रीय नेता सांसद बनने का सपना देख चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। उन नेताओं में मुख्य रूप से केपी सिंह, राव देशराज सिंह, हरिवल्लभ शुक्ला नाम शामिल हैं।
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