सांसद निधि से बनाया घटिया स्टाफ डेम जो जांच का विषय
गुना-जिले की जनपद पंचायत राघौगड़ में आने वाली ग्राम पंचायत भुलांय मैं पंचायत द्वारा कराए गए कार्यों में नहीं रखा गुणवत्ता का ख्याल प्रस्तावित ड्राइंग एवं मानक के अनुसार मटेरियल का नहीं किया गया इस्तेमाल इस कारण से पंचायत द्वारा कराई गऐ निर्माण कार्य समय से पहले भ्रष्टाचार की पोल खोलते दिखाई दे रहे हैं ।जिसमें पंचायत द्वारा बनाए गए स्टाफ डैम में भी लोहे के सरियों का इस्तेमाल ना करते हुए सीधे पत्थर वोल्डर खंडों से चुनकर निर्माण कार्य कराया गया जो की मौके पर दिखाई पड़ता है ।विभाग द्वारा जांच कराई जाए तो "पानी में दूध या दूध में पानी है" सब कुछ सामने आ जाएगा इस तरह से पंचायत में कई अनियमित्ताएं बरती जा रही है ।जो की पारखी नजर से देखने पर दिखाई देंगी।
ग्राम पंचायत द्वारा कराए गए नाली निर्माण में पानी की निकासी एवं मटेरियल का नहीं रखा ध्यान
ग्राम पंचायत में ग्राम एवं ग्राम वासियों के मकानों के गंदे पानी की निकासी के लिए पक्की नालियों का निर्माण कार्य पंचायत द्वारा कराया गया है। जो की देखते ही अपनी भ्रष्टाचार की कहानियां गढ़कर मोसमी विमारियों को आमंत्रण दे रहा है ।नाली के निर्माण कार्य के दौरान गंदे पानी के निकासी हेतु निर्माण के समय वाटर लेवल एवं ढाल के आधार से नालियों का निर्माण कार्य नहीं करने के कारण परिणाम स्वरूप नालियों में ग्राम का गंदा पानी भरा हुआ है। जिससे ग्राम में कई तरह की बीमारियां फैलने की आशंका जताई जा रही है। जिस उद्देश्य की पूर्ति के लिए ग्राम में नालियों का निर्माण किया गया है ।वह उद्देश्य की पूर्ति तो नहीं हो सकी है ।इसके बदले में नई समस्या को जन्म जरूर दिया है ।जो की बीमारी के रूप में आने वाले समय में दिखाई देंगी। बनाई गई नालियों में जल भराव देखा गया है। जो की ग्रामीण जनों को बदबू तो दे ही रहा है और आम राहगीरों को आवा गमन में खलल डाल रहा है ।ग्राम पंचायत एजेंसी ने तो कार्य करा कर शासन द्वारा प्रस्तावित राशि का भुगतान बिल वाउचर लगाकर करा ही लिया होगा। लेकिन समस्या का निराकरण न होकर ऐक नई समस्या को बीमारी के रूप में जन्म जरूर दिया है।
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