शिवपुरी जिले की पांचो विधानसभा सीटों पर यह उम्मीदवार हुए लगभग फिक्स, शिवपुरी में रोचक होगा मुकाबला
शिवपुरी जिले की पांचों विधानसभा सीटों से यह हो सकते है। दोनो पार्टियों से उम्मीदवार
शिवपुरी जिले की पांचो विधानसभा सीटों पर यह उम्मीदवार हुए लगभग फिक्स, शिवपुरी में रोचक होगा मुकाबला
शिवपुरी मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव नवम्बर में होने के आसार हैं ऐसे में पार्टियों के नेताओं का दल बदल का दौर जारी है। विधानसभा चुनाव में अब कोई ज्यादा समय नहीं बचा हुआ है। इस बार मध्य प्रदेश में कांग्रेस में शामिल होने वाले नेताओं की भी लाइन लगी हुई है। जो नेता केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साथ पार्टी छोड़कर गए थे अब वह नेता समय से पहले घर वापसी करने में लगे हुए है।
पहले सिंधिया के साथ जो नेता कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे तब बीजेपी ने मध्य प्रदेश में बनी कांग्रेस की सरकार को गिरा दिया था और उस समय बीजेपी में नेताओं की भरमार हो गई थी बीच बीच में यह भी खबर मिल रही थी कि सिंधिया के साथ जाने वाले नेताओं के तालमेल भाजपा में सही नहीं बैठ रहे है। और आज यही कारण है कि समय के साथ नेताओं ने एक बार फिर से पाला बदल लिया है।
चुनाव के गलियारों में यह भी चर्चा जोरों पर
लोगों में चर्चा यह भी हो रही है। कि जो नेता सिंधिया के साथ भाजपा में गए थे वह तो एक के बाद एक घर वापसी कर कांग्रेस में फिर से शामिल हो रहे हैं! लेकिन सवाल यहां यह उठता है। कि क्या सिंधिया अकेले भाजपा में रह जायेगे या फिर उनकी भी घर वापसी होगी, सूत्र बताने है। कि जाने वाले नेताओं में से कई नेता नाराजगी भी व्यक्त कर रहे है। कुछ नेता टिकट कटने से नाराज हैं तो कुछ नेता पार्टी के लोग से ही नाराज है।
यहां समझे शिवपुरी विधानसभा का फिक्स गणित
शिवपुरी विधानसभा में अभी उठा पटक जारी है। एक के बाद एक नेता यहां अपनी उम्मीदों की किरण लेकर बैठे हैं। इस विधानसभा से इस बार लोगों को एक नये नेता की तलाश हैं जो शहर के विकास के लिए निष्पक्ष होकर निस्वार्थ होकर काम कर सके जिससे शहर में युवाओं को रोजगार मिल सके साथ ही विकास कार्य हो सके। यहां से भाजपा के उम्मीदवार की बात करे तो मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया पहला नाम हैं। इसके अलावा बीजेपी के कई नेता इस सीट से टिकट की चाहत रखते है। लेकिन खुलकर टिकट मांगने की हिम्मत नहीं कर पा रहे है।
इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवारो की बात करे तो अगर कांग्रेस चुवा उम्मीदवार पर भरोसा जताती है। तो इसमें पहला नाम अमित शिवहरे का है। लेकिन समीकरण अब बदल सकते हैं। हाल ही में बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हुए वीरेंद्र रघुवंशी शिवपुरी विधानसभा से टिकट की माग कर रहे हैं अगर कांग्रेस ने वीरेंद्र रघुवंशी को शिवपुरी विधानसभा सीट से टिकट दे दिया तो शिवपुरी सीट से मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया और वीरेंद्र रघुवंशी में आमने सामने की टक्कर देखने को मिलेगी।
इस सीट से कांग्रेस से टिकट मांगने वालों की लिस्ट में अमित शिवहरे, मोहित अग्रवाल,आलोक शुक्ला,गणेश गौतम,जगमोहन सिंह सेगर, शामिल है। इस सीट से राकेश गुप्ता का नाम बहुत पीछे हो गया हैं। क्योंकि लोगों का अब राकेश गुप्ता पर बिल्कुल भरोसा भी नहीं रहा है। क्योकि नगर पालिका अध्यक्ष मुन्नालाल का कार्यकाल सबने देखा था इसके अलावा उनके बारे में यह शहर सब कुछ जानता है
खास बात यह भी है। कि अगर जितेन्द्र जैन को कोलारस से टिकट नहीं मिलता है। तो वह कांग्रेस से शिवपुरी विधानसभा सीट से उम्मीदवार हो सकते है। वहीं कोलारस विधायक को उन्हीं के क्षेत्र कोलारस विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार बना सकती है
यहां देखें कोलारस विधानसभा सीट का गणित एक नजर में
कोलारस विधानसभा की बात करे तों यह से कांग्रेस से जितेन्द्र जैन गोटू भैया का टिकट लगभग तय माना जा रहा है। भाजपा की बात करे तो देवेन्द्र जैन की सम्भावना अधिक है। अगर ऐसा हुआ तो यहां से दोनों भाई आमने सामने हो सकते है। यहां बीजेपी से टिकट की चाहत रखने वालों में महेंद्र यादव, सुरेन्द्र शर्मा,रघुवीर रघुवंशी, हरिओम रघुवंशी के नाम शामिल हैं यहां कांग्रेस की बात करे तो टिकट की चाहत रखने वालो में वैजनाथ यादव, रघुवीर धाकड़, के नाम भी शामिल है। लेकिन अगर बीजेपी ने देवेंद्र जैन को टिकट नहीं दिया तो दूसरे उम्मीदवार यहां से महेंद्र यादव हो सकते हैं
पिछोर में केपी कक्काजू और प्रीतम लोधी की होगी कड़ी टक्कर
पिछोर विधानसभा सीट की बात करे तो इस किलों को फतह करने के लिए बीजेपी ने तीसरी बार उम्मीदवार के रुप में दो बार के हारे हुए प्रत्याशी प्रीतम लोधी पर फिर से भरोसा जताया है। इस सीट से लगभग लगातार पांच बार से केपी सिंह कक्काजू कांग्रेस से विधायक है। लेकिन इस बार कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी
पोहरी में दोनों पार्टियाँ इन चेहरों पर कर सकती हैं भरोसा
पोहरी विधानसभा सीट की बात रके तो इस सीट से कांग्रेस पार्टी से कैलाश कुशवाह उम्मीदवार से सकते है। वहीं बीजेपी से इस सीट से सुरेश धाकड़ उम्मीदवार से सकते है। इसका एक कारण यह भी है। कि पिछली वार धाकड को जनता ने बडे अन्तराल से जिताया था भाजपा से इस सीट से टिकट की चाहत रखने वाले में कई नाम शामिल हैं। पहला नाम इसमें पूर्व विधायक प्रहलाद भारती का आता है। इसके अलावा दिलीप मुदगल, सलोनी धाकड़, आदि नाम शामिल हैं। इस क्षेत्र मे जातिगत आधार पर भी वोटिंग होती है। जिससे उम्मीदवारों को काफी फायदा होता है। अगर ऐसा हुआ तो यहा पर कैलाश कुशवाह और सुरेश धाकड़ में कडा मुकाबला देखने को मिलेगा अगर धाकड़ को टिकट नहीं मिलता है। तो भारती से होगा मुकाबला
करैरा में पुराने नेताओं पर दांव खेल सकती है। दोनों पार्टियाँ
करैरा विधानसभा सीट पर एक नजर डाले तो यहां उम्मीद जताई जा रही हैं कि पार्टियाँ दोनों पुराने नेताओं पर भरोसा जता सकती है। यहां भाजपा से उम्मीदवार के रूप में जसवंत जाटव का नाम लगभग फाइनल नजर आ रहा हैं कांग्रेस यहां पर प्रगीला को अपना उम्मीदवार बना सकती हैं क्योंकि दोनों ही नेताओं के कार्यकर्ता यहां लगातार मेहनत करते नजर आ रहे है। अगर ऐसा हुआ तो इस विधानसभा में कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी