पोहरी जनपद पंचायत की सभापति ने किया आंगनबाड़ी केन्दो का औचक निरीक्षण, कमी मिलने पर कलेक्टर से की शिकायत की कार्रवाई की मांग

शिवपुरी—पोहरी जिले के पोहरी कस्बे की विभिन्न आंगनवाडी केन्दों पर पोहरी जनपद पंचायत की सभापति  एवं महिला बाल विकास पोहरी की स्वास्थ्य विभाग समिति की सदस्य सुषमा अंगद धाकड ने जब कस्बे की आंगनवाडी केन्दों का औचक निरीक्षण किया तो आंगनवाडियों पर कार्यकर्ता / सहायिका केन्द्रों पर अनुपस्थित मिली एवं स्व सहायता समूह द्वारा नाश्ता व भोजन वितरण न करने की शिकायत मिली साथ ही केन्दों पर ऐसी सहायिका काम कर रही है जिनकी शादी कही और हो चुकी है और उनका निवास कही और है। जो की हफ्ते में एक बार ही आंगनवाडी पर भोजन व नाश्ता वितरण करती है। सभापति ने कस्बे की करीब 10 आंगनवाडी केन्दों का औचक निरीक्षण किया जिसमें भोजन से लेकर आंगनवाडी केन्दो के खुलने और ​स्थाई सहायका का निवास न होने की कई शिकायते मिली। सभापति ने कार्यवाही के लिये जिलाधीश को एक शिकायती आवेदन दिया है जिसमें विरोधियों के खिलाफ कडी कार्यवाही करने की मांग की गई है।



इन आंगनवाडी केन्दों का सभापति ने किया औचक निरीक्षण यह मिली खामियां

1.आंगनवाडी केन्द्र मढखेडा आदिवासी बाहुल्य ग्राम है दो आंगनवाडी केन्द्र संचालित है जबकि आंगनवाडी केन्द्र क्र. 01 पर वर्षा गुप्ता आंगनवाडी कार्यकर्ता 11:00 बजे ए.एम. आंगनवाडी केन्द्र बंद पाया गया। ग्रामवासी गाडी देखकर हमारे पास आ गये। तब कुछ देर बाद आंगनवाड़ी सहायिका केन्द्र पर आयी। सहायिका द्वारा बताया गया कि कार्यकर्ता पोहरी से जब कभी आती है। एवं ग्रामवासियों द्वारा बताया गया कि मंगल की मंगल पोहरी से केन्द्र पर आती है। जबकि यह भी बताया गया कि इसका विवाह एक-दो साल पहले कोलारस विवाह हो चुका है। पर्यवेक्षक एवं परियोजना अधिकारी से सांठ-गांठ होने से कार्यकर्ता के विरुद्ध पद से प्रथक की कार्यवाही नहीं की जा रही हैं जबकि ग्राम में ही आदिवासी महिला इंटरपास होने का गुडडी बाई आदिवासी द्वारा बताया गया है। समूह द्वारा आंगनवाडी केन्द्र पर नाश्ता बिल्कुल नहीं दिया जाता है खाना मीनू अनुसार भी कभी नहीं दिया जाता है। कभी कभी देने का ग्रामवासियों द्वारा बताया गया है जिससे आदिवासियों के बच्चों में भारी कुपोषण की मात्रा बढ़ती है।

2 आंगनवाडी केन्द्र देहदे समय 11:30 बजे पर कार्यकर्ता को हमारे आने की सूचना मिल जाने से केन्द्र पर उपस्थित पायी गयी परंतु बच्चों को समूह द्वारा नाश्ता, बिल्कुल नहीं दिया जाता है। और खाना भी केन्द्र पर नहीं पाया गया। ग्राम देहदे आदिवासी बाहुल्य ग्राम है आदिवासियों के बच्चों में भारी कुपोषण की मात्रा बढती है।

3. आंगनवाडी केन्द्र डांगवर्वे में समय दोपहर 12:30 बजे केन्द्र बंद पाया गया। हमारी गाडी ग्रामवासियों द्वारा देखकर सहायिका बुलायी गयी और सहायिका से पूछा गया कि कार्यकर्ता कब कब आती है सहायिका द्वारा बताया गया कि जब कभी 03-04 दिन में आती है जबकि ग्राम के आदिवासियों द्वारा बताया गया कि मंगलवार के मंगलवार आती है समूह द्वारा नाश्ता बिल्कुल नहीं दिया जाता है। मगलवार के मंगलवार को खाना दिया जाता है। उक्त ग्राम आदिवासी बाहुल्य होने से आदिवासियों के बच्चों में भारी कुपोषण की मात्रा बढती है।

4. आंगनवाडी केन्द्र रामपुरा में समय 12:45 बजे पर पहुंचा तो केन्द्र बंद पाया गया। वहां तो कोई आया ही नहीं और भ्रमण करने पर पता चला कि वहां कोई नहीं आता न ही खुलता। जब केन्द्र बंद ही रहता है तब खाना नाश्ता वितरण होना संभव नहीं है ग्रामवासियो द्वारा बताया गया कि जब कभी खाना वितरण किया जाता है नाश्ता हमने देखा ही नहीं है 

5. आगनबाडी केन्द्र टोडा में समय 01:20 बजे पर केन्द्र पर कार्यकर्ता उपस्थित पायी गयी परंतु कार्यकर्ता द्वारा बताया गया कि समूह द्वारा नाश्ता कभी नहीं दिया जाना बताया गया है। खाना भी मीनू अनुसार न देते हुये कभी कभी दिया जाना बताया गया है।

6• आगनबाडी केन्द्र ऊंचीखरई में समय 1:40 बजे केन्द्र क्र० 01 खुला पाया गया हमें देखकर सहायिका आयी सहायिका द्वारा बताया गया कि विद्या यादव कार्यकर्ता कहीं बाहर जाना बताया गया। आंगनवाडी केन्द्र क्र. 02 पर पदस्थ कार्यकर्ता के संबंध में ग्रामवासियों द्वारा बताया गया कि कार्यकर्ता आरआई की पत्नि है पति के साथ रहना बताया गया है। उन्हीं के परिवार की आंगनवाडी सहायिका पदस्थ है उक्त केन्द्र का संचालन सहायिका द्वारा ही करना बताया गया है। यह भी अवगत कराया गया कि समूह द्वारा दोनों केन्द्रों पर कभी नाश्ता नहीं दिया गया है खाना मंगल के मंगलवार मीनू अनुसार न देते हुये अपने अनुसार देना बताया गया है। जब केन्द्र बंद पाये जाते है तो शासन की योजनाओं से लाभ दिये जाने से वंचित बच्चे एवं गर्भवती छात्री महिलायें रहती है ऐसी स्थितियों में ग्राम आदिवासी बाहुल्य होने से आदिवासियों के बच्चों में भारी कुपोषण की मात्रा बढती है।

7. आंगनवाडी केन्द्र गिरवानी 1:50 बजे केन्द्र खुला पाया गया कार्यकर्ता उपस्थिति थी परंतु कार्यकर्ता द्वारा बताया गया कि समूह द्वारा नाश्ता कमी नहीं दिया जाता है कि मंगलवार के खाना देना बताया गया कि उक्त केन्द्र भी आदिवासी बाहुल्य होने से कुपोषण ग्राम आदिवासी बच्चों में भारी कुपोषण की मात्रा बढती है।

8 आंगनवाडी केन्द्र वहरगवां 2:10 बजे केन्द्र पर पहुंचे तो केन्द्र बंद पाया गया हमारी गाडी देखकर ग्रामवासी आये ग्रामवासियो द्वारा बताया गया कि महिने में एक बार खुलना बताया गया है समूह द्वारा कभी नाश्ता खाना नहीं दिया गया है।

9. केन्द्र खरईजालिम 2:30 बजे केन्द्र पर पहुंये तो केन्द्र बंद पाया गया केन्द्र पर भारी गंदगी पायी गयी और ग्रामवासियों द्वारा बताया गया कि कार्यकर्ता मंगल की मंगल आती है। एवं ग्रामवासियों द्वारा यह बताया गया है कि कार्यकर्ता ग्राम बडखेडा से केन्द्र पर कभी कभी आती है। स्वसहायता समूह द्वारा नाश्ता कभी नहीं दिया जाना बताया गया है। खाना भी मीनू अनुसार न देते हुये कभी कभी दिया जाना बताया गया है।

इनका कहना है।

सभापति ने बताया कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के आंगनवाडी केन्द्र पर शासन की गरम भोजन योजना का लाभ नहीं मिला रहा है शासन के लाखों रू.गरम भोजन पर व्यय हो रहे है इससे प्रतीत होता है कि सेक्टर की पर्यवेक्षक एवं अधिकारी की मिली भगत से कार्यकर्ता और समूहों को चलाया जा रहा है। कुछ ग्रामवासियों द्वारा यह भी बताया गया कि समूहों एवं आंगनवाडी कार्यकर्ता से महीना बांध लिया गया है इस कारण से योजनाओ में पलीता लग रहा है। मैने जिलाधीश को शिकायती आवेदन देकर कार्यवाही की मांग की है।

सुषमा अंगद धाकड जंनपद पचांयत सभापति पोहरी जिला शिवपुरी