बूढी बरौद में समय पर नहीं पहुंचे शिक्षक तो शिक्षिका कमलेश ने बच्चों को किया पत्थर मारने के लिए प्रेरित , शिक्षकों की मनमर्जी, सुबह 11 बजे स्कूल पहुंचे 3 बजे ताला लगाकर वापस लौटे, जिले में शिक्षा का रिजल्ट बिगाड़ने में शिक्षको की नियमितायो का अहम रोल

बूढी बरौद में समय पर नहीं पहुंचे शिक्षक तो शिक्षिका कमलेश ने बच्चों को किया पत्थर मारने के लिए  प्रेरित , शिक्षकों की मनमर्जी, सुबह 11 बजे स्कूल पहुंचे 3 बजे ताला लगाकर वापस लौटे, जिले में शिक्षा का रिजल्ट बिगाड़ने में शिक्षको की नियमितायो का अहम रोल

 बदतमीजी से बहस करती कमलेश उच्चेनियां

स्कूल के बहार धूप में खडे बच्चो

स्कूल के बहार धूप में खडे बच्चो

 3 :30 बजे ताला लगा स्कूल में
शिवपुरी। शिवपरी में इस बार शिक्षा विभाग का रिजल्ट बिगड़ने का मुख्य कारण शिक्षको का नियमित स्कूल व समय पर स्कूल नहीं पहुंचना भी हो सकता है। क्योकि शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी शिक्षको ने स्कूल अतिथि शिक्षको के भरोसे पर छोड दिए है। ग्रामीण क्षेत्र के कई स्कूल ऐसे है जो महिने में सिर्फ 20 दिन ही निकल रहे है वही ऐसे शिक्ष सीएसी व बीरसी से मिलकर अपनी वेतन ही पूरी पाते है लेकिन अधिकारियो की मिली भगत से सरकारी से लेकर अतिथि शिक्षक तक बच्चो के भविष्य से खिलवाड कर रहे है। इसी का कारण है कि इस साल शिक्षा के क्षेत्र में शिवपुरी जिले का रिजल्ट मध्य प्रदेश में पीछे से दूसरे स्थान पर था और प्रति वर्ष शिवपुरी जिले का रिजल्ट बिगड़ता जा रहा है लोक आयुक्त भोपाल के भी साफ आदेश है कि किसी भी शिक्षक को अटैच मेंट नहीं रखा जाए उसे उसके मू्रल स्थान पर पावस बुलाया जाए लेकिन लोक आयुक्त के आदेश को शिवपुरी में विभाग हवा में उडा रहा है सरकारी टीचर से लेकर अतिथि शिक्षक व कम्प्यूटर ऑपरेटर तक जिले के कई स्कूलो में अटैचमेंट है वह अपने मूल्य पद स्थान पर जाना ही नहीं चाहते है नीचे से लेकर उपर तक अधिकारियो की मिली भगत के कारण आयुक्त के आदेश की धज्जियां उडाई जा रही है। कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी ने रिजल्ट को सुधारने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों व शिक्षकों की कई बार मीटिंग भी ली है और कडे आदेश भी जारी किए है लेकिन शिक्षा विभाग में जिम्मेदार किसी के आदेश को मनने के लिए तैयार नहीं है।

शिक्षकों की सीएसी व बीआरसी से मिलीभगत
शनिवार को शिवपुरी विकासखंड के शासकीय माध्यमिक विद्यालय व हाई स्कूल बूढी बरौद पर कुछ पत्रकार पहुंचे पत्रकारों की टीम बूढी बरौद 11 बजे पहुंच कुची थी तभी देखा की स्कूल के बहार सभी बच्चे धूप में खडे होकर शिक्षकों का इंतजार कर रहे थे कुछ बच्चों से पूछा की अभी तक शिक्षक नहीं आए तो उन्होने बताया कि अभी आने वाले होंगे तभी कुछ देर बाद सभी शिक्षक एक कार में सवार होकर पहुंचे। तभी शिक्षक कमलेश कार से उतर कर बच्चों से बोली की आप लोग क्या कर रहे हो इन पत्रकारों में आपने पत्थर क्यों नहीं मारे सभी पत्थर उठाओ और मारो शिक्षक की बात सुनकर सभी बच्चों ने पत्थर उठा लिए लेकिन पत्रकारों ने शिक्षिका से बोला ऐ क्या बदतमीजी है आप बच्चो को पत्थर मारने के लिए प्रेरित कर कर रही है। आप अगर लेट आए है तो वह एक अलग बात है शिक्षिका का पूरा इरादा पत्रकारों पर बच्चों से हमला कराना था। बूढी बरौद हाई व माध्यमिक स्कूल पर शनिवार को सभी शिक्षक 11 बजे स्कूल पहुंचे और 3 बजे स्कूल बंद कर सभी शिक्षक चले गए। शासकिय माध्यमिक विधालय व हाई स्कूल बूढी बरौद पर मांगी लाल जाटव प्रार्चाय है विद्यालय में नीरजा पाठक प्राथमिक, प्रमोद कुमार पमार माध्यमिक, प्रशांत सेगर माध्यमिक, कमलेश उच्चैनिया माध्यमिक, शिव कुमार मित्तल माध्यमिक शिक्षक है वही अतिथि शिक्षकों में अरविंद शर्मा हिन्दी, शीतल शर्मा संस्कृत, देवेन्द्र गुर्जर शामिल है। बताया जाता है कि शिक्षकों ने सीएसी व बीआरसी से अपना तालमेल बैठा रखा है इसलिए वह स्कूल भी नहीं जाती है तो भी उनको बराबर वेतन मिलता है वह स्टाप रजिस्टर में दूसरे दिन आकर अपनी उपस्थिति दर्ज कर देते है।

स्कूल मैनेजमेंट के पैसो में भ्रष्टाचार
शासकीय माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालय बूढी बरौद में एक ही प्राचार्य मांगी लाल जाटव पदस्थ है सरकारी नियमों के अनुसार हाई स्कूल व माध्यमिक विद्यालय के मैनेजमेंट जैसे स्कूल की पुताई, चौक, रजिस्टर आदि के लिए सरकार की तरफ से एक साल में अलग अलग करीब 30 से लेकर 50 हजार रुपए तक आता है इसका उपयोग न कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है स्कूल में दीपावली निकले के बाद अंदर से पुताई कराई जा रही है वही बहार से स्कूल पर दर्शाया जाने वाले मैन्यू व स्टाफ नाम पद , स्कूल का नाम और स्कूल की बहार से पुताई नहीं हुई है उस पर पुराना ही पेंट हो रहा है।

गंदगी से भरपूर मिली टॉयलेट
स्कूल में टॉयलेट की बात करे तो टॉयलेट में काफी गंदगी नजर आई वही टॉयलेट में पानी की भी सुविधा नहीं थी टॉयलेट कों देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे वर्षो से इसको यूज नहीं किया हो। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर स्कूल मैनेजमेंट के लिए आने वाला पैसा कहा जाता है क्या सारे पैसे से प्राचार्य अपनी जेब गर्म कर लेते है। इसी का कारण है कि बच्चो को खुले में टॉयलेट करने के लिए जाना पढ़ता है। और लगातार सरकारी पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ रहा है।
आपने कहा
वर्जन देने के लिए में अधिकृत नहीं हूँ मेरे पास सीएसी का प्रभार है लेकिन में निरीक्षण के लिए नहीं जा सकता हूँ में 1 माह पहले डविया में शिक्षक बनकर पहुंच चुका हूँ। आप जानकारी भेज दे में वरिष्ठ अधिकारियों को भेज देता हूँ।
वेद प्रकाश शर्मा सीएसी

आपने कहा
हाई स्कूलो पर में वर्जन देने के लिए अधिकृत नहीं हूँ माध्यमिक स्कूल में कब शिक्षक नहीं पहुंचे है आप जानकारी और साक्ष्य भेंज दो में दिखवा लेता हूं जांच कर कार्यवाही की जाएगी।
बालकृष्ण ओझा बीआरसी

आपने कहा
आप मुझे जानकारी भेज दे में कार्यवाही कराता हूँ में सोमवार को हाई कोर्ट जा रहा हूँ मुझे कुछ काम है में कार्यवाही के लिए अधिकारियों को जानकारी भेजता हूँ।
दाफेदार सिंह सिकरवार डीपीसी