आठ माह बाद भी पूूरी नंही हुई 23 करोड़ के घोटाले की जांच सभागायुक्त ने आरईएस ईई जी के श्रीवास्तव को दिया था नोटिस
आठ माह बाद भी पूूरी नंही हुई 23 करोड़ के घोटाले की जांच सभागायुक्त ने आरईएस ईई जी के श्रीवास्तव को दिया था नोटिस
शिवपुरी। ग्रामीण क्षेत्रो में आजीविका की सुरक्षा बडाने शुरु की गई मनरेगा योजना को आरईएस विभाग के ईई जी के श्रीवास्तव ने भ्रष्ठाचार की भेंट चढा दिया ग्रामीण यंात्रिकी सेवा (आरईएस) विभाग में करोड़ो रुपए का बीते अप्रैल माह में घोटाला सामने आया था विभाग के प्रभारी कार्यपालन यंत्री जी के श्रीवास्तव ने एक वर्ष के अपने कार्यकाल में मनरेगा योजना में करोड़ो रुपए की अनियमिताएं की है इस मामलें में विभागीय जांच में पाया गया की वितीय अनियमित्तयां स्पष्ठ रुप से हुई है जिसे लेकर सभागायुक्त ने ईई श्रीवास्तव को कारण बताओं नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर जबाव मांगा था जिसका आठ माह बाद भी कोई जबाव सामने नहीं आया है। नोटिस में सभागायुक्त ने यहा भी लिखा था कि जबाव न देने की स्थिति में एक पक्षिय कार्यवाही की जाएगी। यह मामला उस समय प्रकाश में आया था जब भाजपा के एक जनप्रतिनिधि सोनू प्रमेन्द्र बिरथरे गांव गांव जा कर भ्रमण कर रहे थे इस संबध में भाजपा जनप्रतिनिधि बिरथरे ने एक गोपनीय शिकायत तत्कालीन सीईओ उमराव मरावी को की थी जिसमें उल्लेख किया गया था कि मनरेगा योजना अंतर्गत प्रचलित एंव प्रगतिरथ निर्माण कार्यो में उपयंत्री एवं सहायक यंत्री बिना माप पुस्तिका में मूल्यांकन एंव प्ररोसेश अकित किए बिना ही मजदूरी एंव सामग्री के देयको का भुगतान बिना हस्ताक्षर पारित किया गया है इसके बाद जिला पंचायत की सहाकारिता और स्थाई उधोग समिति की सभापति सुनिता नवल जाटव ने 11 मार्च को बिना सक्षम अधिकारी की स्वीक्रिति के कार्य प्रारंभ कर अपने करिवियों द्धारा भ्रष्टाचार कराए जाने की शिकायत की गई जिसमें भी अनियमित्तायां मिली जांच में सामने आया की ईई श्रीवास्तव द्धारा कार्यभार ग्राहण करने की दिनाक 01/03/23 से वर्तमान समय तक मनरेगा योजना से वित्तीय वर्ष 2022-23 में राशि 10.99 करोड़ एवं वित्तीय वष 2023.24 में राशि 10.04 करोड़ इस प्रकार कुल राशि 21.04 करोड़ का सामग्री मद में भुगतान किया गया लेकिन निर्माण कार्यो के पूर्णत: प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए। विभाग के जिला अधिकारी श्रीवास्तव ने बिना मूल्याकन एंव बिना सत्यापन के राशि 28.80 लाख बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के प्रारंभ किए कार्यो पर राशि रुपए 126.29 लाख एवं गैर अनुमति कार्यो पर 70.44 लाख कुछ राशि रुपए 225.53 लाख राशि अनियमित भुगतान की गई है नोटिस में उल्लेख है कि ईई ने अपने कार्यकाल में शासन के निर्देशो का पालन किए बिना मनरेगा योजना में राशि 21.04 करोड़ सामग्री का भुतान में अनियमित्तायां की गई है। इस घोटाले की खात बात यह है कि भुगतान उपरात कोई भी कार्य ईई के समय कार्यकाल में पूर्ण नहीं हुआ ऐसे में ईई दोषी कारार होते है। ऐसे में अधिकारी माध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 का उल्लगन है।