देवपुरा स्कूल को चारो तरफ कांटे लगाकर किया बंद, महीने में चार दिन निकलता है स्कूल,सरकारी स्कूलो की हालत खराब, अधिकारियों की मिलीभगत से बच्चो का भविष्य खराब

देवपुरा स्कूल को चारो तरफ कांटे लगाकर किया बंद, महीने में चार दिन निकलता है स्कूल,सरकारी स्कूलो की हालत खराब, अधिकारियों की मिलीभगत से बच्चो का भविष्य खराब

देवपुरा स्कूल को चारो तरफ कांटे लगाकर किया बंद

रसोई में बच्चो की किताबे गंदगी में फटी फड़ी 

स्कूल के बाहर धूप में बच्चे शिक्षकों का इंतजार करते नजर आए

विची में अतिथि शिक्षक के भरोसे स्कूल
राम सेवक अर्जुन गंवा में विद्यालय पहुंचे साढ़े 11 बजे
                                        
शिवपुरी। शिवपुरी जिले में शिक्षा विभाग के हालात सुधारने के लिए कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी ने कई  प्रयास किए है लेकिन शिक्षा विभाग में बैठे अधिकारियों की मिलीभगत के चलते लापरवाह शिक्षकों पर कार्यवाही नहीं होती है। शिक्षा विभाग के ऐसे हालात देखकर ऐसा लगता है कि मानो पूरा शिक्षा विभाग ठेके पर चल रहा है। क्योकि यह बात साफ है जब तक लापरवाह शिक्षको पर कार्यवाही नहीं होगी तब तक शिक्षा विभगा के हालात नहीं सुधरेगें। रिजल्ट के मामले में इस बार शिवपुरी जिला प्रदेश की लिस्ट में  आखिरी से दुसरे नंबर पर था जिसे जिले का अभी तक का सबसे खराब रिजल्ट माना गया था रिजल्ट बिगडने का कारण शिक्षको की मनमर्जी,समय पर स्कूल न जाना और समय से पहले स्कूल बंद करना व स्कूल ही न जाना था ग्रमीण क्षेत्र में कई स्कूल ऐसे है जो महिने में 10 दिन भी नहीं खुलते है यहा तक की बच्चो को स्कूल में जाने तक का रास्ता नहीं है। स्कूल को लकड़ी के कांटो से चारो तरफ से बंद कर दिया है ऐसे स्कूल भी मौजूद है। जो सिर्फ कागजो में चल रहे है अधिकारियो की मिलीभगत से ऐसे शिक्षक महीने का पूरा वेतन भी पा लेते है। लोक आयुक्त भोपाल के भी साफ आदेश है कि किसी भी शिक्षक को अटैच मेंट नहीं रखा जाए उसे उसके मूल स्थान पर  बुलाया जाए लेकिन लोक आयुक्त के आदेश को शिवपुरी में शिक्षा विभाग हवा में उडा रहा है सरकारी टीचर से लेकर अतिथि शिक्षक व कम्प्यूटर ऑपरेटर तक जिले के कई स्कूलों में अटैचमेंट है वह अपने मूल्य पद स्थान पर जाना ही नहीं चाहते है अटैचमेंट के बहाने का फायदा उठाकर वही कभी कभा ही स्कूल पर जाते है। शिवपुरी में ऐसे शिक्षा विभाग के हालात है कई बार मीडिया ने भी विभाग के अधिकारियों को मामलो से अवगत कराया है लेकिन फिर भी कार्यवाही नहीं होती है। यह देखकर साफ जाहिर होता है कि नीचे से लेकर ऊपर तक अधिकारियों की मिलीभगत है इसी कारण आयुक्त के आदेश व कलेक्टर के आदेश की धज्जियां उडाई जा रही है। मिलीभगत वाले अधिकारियों पर कार्यवाही हो तो जागे शिक्षक ।
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शा. प्रा. विधायलय देवपुरा में कांटो से बंद किया स्कूल
शासकीय प्राथमिक विधायलय देवपुरा विकासखण्ड शिवपुरी पर अरविन्द्र राय प्राचार्य के रुप में व हरदीप सिंह सिध्दू प्राथमिक शिक्षक के रुप से पदस्थ है स्कूल के हालात देखे तो पता चला की स्कूल में जाने वाले रास्ते पर चारो तरफ से लकड़ी के कांटो से रास्ता बंद किया गया है स्कूल की रसोई में जाले लगे हुए है रसोई में बच्चो की किताबे गंदगी में फटी फड़ी है, गांव वालो ने बताया कि महिने में दो तीन दिन ही स्कूल में आधा घंटे के लिए खुलता है वह भी एक शिक्षक आता है और बैठकर चला जाता है स्कूल में कोई बच्चा पढ़ने भी नहीं आता है। दोपहर को स्कूल में जंग लगे ताले व रसोई घर की गंदगी में फटी फड़ी बच्चो की किताब इस बात की गवाही भी दे रहे है कि स्कूल बहुंत दिनो से नहीं खुला है। गांव वालो ने यह भी बताया कि जब से अरविन्द्र राय व हरदीप सिंह इस स्कूल पर आए है तब से अभी तक इसी स्कूल पर पदस्थ है बताया जाता है कि शिक्षक उसी गांव के रहने वाले है।

अर्जुन गंवा में शिक्षकों की मनमर्जी हावी  
शासकीय प्राथमिक विधायलय अर्जुनगंवा विकासखण्ड शिवपुरी में राम सेवक महावीर प्राचार्य व पवन भदौरिया  प्राथमिक शिक्षक के रूप में पदस्थ है। जब स्कूल पर देखा गया तो साढ़े 11 बजे तक स्कूल पर ताले लटके मिले वही स्कूल के बाहर धूप में बच्चे शिक्षकों का इंतजार करते नजर आए। गांव के रहने वाले ब्रजमोहन गुर्जर ने बताया कि शिक्षको की मनमर्जी है शिक्षक आए या न आए वह आ भी जाते है तो सोकर चले जाते है एक भी बच्चो को अपना नाम तक लिखना नहीं आता है अभी 12 बज गए है अभी तक शिक्षक नहीं आए है। स्कूल में बढ़ने वाली बच्ची दीपेश गुजर ने बताया कि सर कभी कभी स्कूल आते है कभी स्कूल खुलता है कभी नहीं खुलता है वही अजीत गुजर ने बताया कि हमे खाना तक नहीं मिलता है। स्कूल के बहार गंदगी भी पसरी हुई है स्कूल की टॉयलेट भी चालू नही है। वही स्कूल की कई सालो से पेटिंग भी नहीं हुई है यहा तक की स्कूल पर सही से उसका नाम तक नहीं दिखाई दे रहा था कुछ मिलाकर सरकारी की तरफ से मेंटिनेंश के लिए आना वाले पैसे को शिक्षक मिल बांट कर बराबर कर लेते है। खास बात तो यह है कि संकुल प्राचार्य और बीओं की मिली भगत से स्कूलो के हालात बिगड रहे है क्योंकि वह दोषी शिक्षकों पर कार्यवाही नहीं करते है इसलिए शिक्षकों के भी हौसले बुलंद है क्योंकि अधिकारी ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे है।

विची में अतिथि शिक्षक के भरोसे स्कूल
शासकीय प्राथमिक विधायलय विची विकासखण्ड शिवपुरी में शिवानी गुप्ता प्राचार्य व अतुल राय अतिथि शिक्षक के रुप में पदस्थ है लेकिन जब स्कूल पर देखा गया तो पता चला की स्कूल अतिथि शिक्षक के भरोसे पर है स्कूल में केवल चार बच्चे ही पढ़ते नजर आए जबकि स्कूल में कई बच्चे दर्ज है। अतिथि से पूचा गया कि मैडम क्यो नहीं आए तो बोला की आए उसके घर पर कोई कार्यक्रम है फिर बोला की वह कुछ काम से बहार है कुल मिलाकर अतिथि शिक्षक के भरोसे स्कूल था। वही स्कूल में अव्यवस्थाए और गंदगी भी देखने को मिली।


संकुल प्राचार्य और बीओ से मिली भगत
शिवपुरी में पैसा बोलता है सरकारी शिक्षकों से लेकर अतिथि शिक्षक तक सब अपनी मनमर्जी के मालिक है और वह अपनी मनमर्जी का काम करते है जब चाहे स्कूल आ रहे है जब चाहे स्कूल को बंद कर जा रहे है सरकारी शिक्षक 2 घंटे पहले स्कूल बंद कर जा रहे है तो वही 4 बजते ही अतिथि भी स्कूल पर ताला लगाकर निकल जाते है। लेकिन इन सबके बीच शिक्षको की मनमर्जी का शिकार बच्चो को होना पड़ता है क्योंकि शिक्षको की संकुल प्राचार्य और बीओ से मिली भगत है जब कोई शिक्षको की शिकायत करता है तो बीओ जांच का हवाला देखर उस मामले को दवा देते है अगर संकुल प्राचार्य और बीओ लापरवाह शिक्षको पर कार्यवाही करे तो शिक्षको की मनमर्जी खत्म होगी। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है बल्की मिली भगत शिक्षक बच्चो के भविष्य से खिलवाड कर रहे है।

आपने कहा
शासकीय प्राथमिक विद्यालय देवपुरा, विची,और अजुन गंवा में मैं खुद जा कर देख लेता हँ। अगर नहीं मिलते है तो में कार्यवाही करुगां ।
मनोज निगम विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी